हम दीनदयालजी के बताएं रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं : जगत प्रकाश नड्डा » भाजपा की बात
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 11 फरवरी, 2021 को नई दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में महान मनीषी, राष्ट्रभक्त एवं कुशल संगठनकर्ता दीनदयाल उपाध्यायजी की 53वीं पुण्यतिथि ‘समर्पण दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया और सभा में उपस्थित पार्टी के सभी राज्य सभा सांसदों एवं पार्टी पदाधिकारियों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा दिखाए गए मार्ग को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया। इससे पहले उन्होंने अंबेडकर इंटरनेशनल स्टेडियम में भी समर्पण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया और लोक सभा सांसदों से इस अवसर पर पंडित दीनदयाल जी के सिद्धांतों को आत्मसात करने का आह्वान किया। श्री नड्डा ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री नड्डा ने कहा कि आज हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 53वीं पुण्यतिथि मना रहे हैं। संसद सत्र होने के कारण हमने तय किया कि हमारे सभी सांसद आज यहां उपस्थित होकर पुण्यतिथि मनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी जी का मार्गदर्शन हमें इस अवसर पर मिला। प्रधानमंत्री मोदीजी का संगठन के प्रति समर्पण और जब भी पार्टी ने उनसे कोई भी निवेदन किया, उसे उन्होंने स्वीकार भी किया और पार्टी को मजबूती देने एवं मार्गदर्शन करने के लिए वो हमेशा तैयार रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश भर में हम सब पंडित दीनदयाल जी की पुण्यतिथि को ‘समर्पण दिवस’ के रूप में याद भी कर रहे हैं और उनके बताएं रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में कोई राजनेता होता है, कोई विचारक होता, कोई संगठक होता है लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ‘थ्री इन वन’ थे। वे एक समर्पित राजनेता भी थे, महान विचारक भी थे और कुशल संगठक भी थे। बहुत कम समय में उन्होंने पार्टी को आगे ले जाने में भी सफलता प्राप्त की। उन्होंने भारतीय रीति, नीति और संस्कृति में अर्थ चिंतन और विकास के सिद्धांत को प्रतिपादित किया। उन्होंने कहा कि अर्थ, भूख और पेट की शांति के साथ-साथ मन और विचार की भी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने एकात्म मानववाद के सिद्धांत के आधार पर अंत्योदय की बात की और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित और आदिवासियों के कल्याण की बात की।
श्री नड्डा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का कहना था कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास नहीं होगा, तब तक समाज आगे नहीं बढ़ता और जब तक समाज आगे नहीं बता तब तक समाज खुशहाल भी नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की हमारी सभी सरकारों की योजनाओं में अंत्योदय का मूल सिद्धांत रहा है चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें। हमारी सरकारों की हर योजनाओं में यह चिंतन होता है कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की कैसे विकास की राह पर आगे बढ़ाया जा सकता है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के बारे में कहते थे कि उनका मानना था कि राजनीति और राजनीतिक दल साध्य हो सकते हैं, साधन नहीं। ये माध्यम हो सकते हैं लेकिन यह अंतिम लक्ष्य नहीं हो सकता। हमें इस माध्यम का उपयोग अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के विकास के लिए करना है।
श्री नड्डा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन काल में हम सबने देखा कि किस तरह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत को जमीन पर उतारते हुए मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। जब दवाई की बात आई तो उन्होंने न केवल देश को उपलब्ध कराई बल्कि पूरी दुनिया को उपलब्ध कराई। इसी तरह टीकाकरण की बारी आई तो भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में भी उपलब्ध कराई गई। गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश एक ओर तो गरीबों का सशक्तिकरण किया तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने की बुनियाद रखी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदीजी ने जिस तरह से दुनिया का मार्गदर्शन किया, उसकी पूरे विश्व में सराहना हुई।
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(News Source -Except for the headline, this story has not been edited by Bhajpa Ki Baat staff and is published from a hindi.kamalsandesh.org feed.)